Mathematics Class 11th

इकाई-1 समुच्चय तथा फलन    29 अंक

1. समुच्चय :

समुच्चय तथा उसका निरूपण रिक्त समुच्चय, परिमित तथा अपरिमित समुच्चय, समसमुन्वय उपसमुच्चय वास्तविक संख्याओं के समुच्चय के उपसमुच्चय विशेषकर अन्तराल के रूप में (संकेतन सहित) अधिसमुच्चय समष्टीय समुच्चय वेन आरेख समुच्चयों का सम्मिलन तथा सर्वनिष्ठ, समुच्चयों का अन्तर पूरक समुच्चय ।
2. सम्बन्ध तथा फलन : 

क्रमितयुग्म, समुच्चयों का कार्तीय गुणन, दो परिमित समुच्चयों के कार्तीय गुणन में अवयवों की संख्या वास्तविक संख्याओं के समुच्चय का अपने से कालीय गुणन (RxRxR) तक सम्बन्ध की परिभाषा, चित्रीय आरेख सम्बन्ध का प्रांत, सहप्रात तथा परास फलन एक विशेष प्रकार का सम्बन्ध, फलन का चित्रीय निरुपण, फलन का प्रात सहप्रात तथा परास वास्तविक मान फलन, इन फलनों का प्रांत तथा परास, अचर, तत्समक, बहुपद, परिमेयी, मापांक, चिन्ह, तथा महत्तम पूर्णांक फलन तथा उनके आरेख फलनों का योग, अन्तर, गुणन तथा भागफल

3. त्रिकोणमितीय फलन :

धनात्मक तथा ऋणात्मक कोण, कोणों की रेडियन तथा डिग्री में नाप तथा उनका एक मापन से दूसरे में रूपान्तरण इकाई वृत्त की सहायता से त्रिकोणमितीय फलनों की परिभाषा x के सभी मानों के लिए तत्समक Sin²x+ Coss²x=1 का सत्यापन त्रिकोणमितीय फलनों के चिन्ह त्रिकोणमितीय फलनों के प्रांत तथापरास तथा उनके आलेख का चित्रण

 Sin (x+y) तथा Cos (x+y) की Sin x, Cos x तथा Sin y, Cos y के रूप में अभिव्यक्ति तथा उनके साधारण अनुप्रयोग।

निम्न प्रकार के तत्समको का निगमन करना :

tan(x+y)=1-tanxtanytanx+tany


tan(x-y)=1+tanxtanytanx-tany

sin α+sin β=2sin (α+β) cos (α+β)


Sin 2x, Cos 2x, Tan 2x, Sin 3x, Cos 3x तथा Tan 3x से सम्बन्धित तत्समक

इकाई-2 बीजगणित  37 अंक

1. सम्मिश्र संख्याएँ तथा द्विघात समीकरण : सम्मिश्र संख्याओं की आवश्यकता, विशेषतया के लाने की प्रेरणा सभी द्विघात समीकरणों को हल न कर पाने की अयोग्यता पर सम्मिश्र संख्याओं के बीजीय गुणधमों का संक्षिप्त विवरण आरगढ़ तल

2. रैखिक असमिकाएँ : रैखिक असमिकाएँ एक चर में रैखिक असमिकाओं का बीजीय हल तथा उसका संख्या रेखा पर निरूपण दो घरों में रैखिक असमिकाओं का आलेखीय हल दो चर राशियों के रैखिक असमिका निकाय का हल ज्ञात करने की आलेखीय विभि 

3. क्रमचय तथा संचय : गणना का आधारभूत सिद्धान्त, फैक्टोरियल (n!) क्रमचय तथा संचय, nPr तथा nCr सूत्रों की व्युत्पत्ति तथा उनके सम्बन्ध साधारण अनुप्रयोग

4. द्विपद प्रमेय : ऐतिहासिक वर्णन द्विपद प्रमेय का धन पूर्णांकीय माताको के लिए कथन तथा उत्पत्ति । पास्कल का त्रिभुज नियम, सरल अनुप्रयोग।

5. अनुक्रम तथा श्रेणी : अनुक्रम तथा श्रेणी गुणोत्तर श्रेणी, गुणोत्तर श्रेणी के सामान्य पद समान्तर तथा गुणोत्तर श्रेणी के प्रथम ॥ पदों का योग, अनन्त गुणोत्तर श्रेणी और उसके योग गुणोत्तर मध्य समान्तर माध्य और गुणोत्तर माध्य के बीच सम्बन्ध ।

इकाई 3 निर्देशांक ज्यामिति  15 अंक

1. सरल रेखा : पिछली कक्षाओं से द्वि-आयामी संकल्पनाओं (2D) का दोहराना एक रेखा की ढाल तथा दो रेखाओं के बीच का कोण रेखा के समीकरण के विविध रूप अक्षों के समान्तर बिन्दु-डाल रूप डाल अन्त खण्ड रूप दो बिन्दु रूप एक बिन्दु की एक रेखा से दूरी, दो समान्तर रेखाओं के बीच की दूरी 

2. शंकु परिच्छेद : वृत्त परवलय, दीर्घवृत्त अतिपरवलय एक बिन्दु एक सरल रेखा तथा प्रतिच्छेदी रेखाओं का एक युग्म शंकु परिच्छेद के अपभ्रष्ट रूप में (केवल परिचय) वृत्त का मानक समीकरण परवलय दीर्घवृत्त तथा अतिपरवलय के मानक समीकरण तथा उनको सामान्य गुण 

3. त्रिविमीय ज्यामिति का परिचय : त्रिविमीय अंतरिक्ष में निर्देशान तथा निर्देशांक तल एक बिन्दु के निर्देशाक, दो बिन्दुओं के बीच की दूरी 

इकाई-4 कलन  07 अंक

1. सीमा तथा अवकलज : अवकलन को दूरी के फलन के परिवर्तन की दर के रूप में परिभाषित करना  सीमा का सहजाननूत बोध, बहुपदफलनों, परिमेय फलनी, त्रिकोणमितीय फलनों की सीमाएं अवकलज की परिभाषा तथा फलनों के योग अन्तर, गुणन तथा भाग द्वारा बने फलनों का अवकलन करना बहुपद फलनों तथा त्रिकोणमितीय फलनों का अवकलज ज्ञात करना।


इकाई-6 सांख्यिकी तथा प्रायिकता  12 अंक

1. सांख्यिकी : प्रकीर्णन के माप, वर्गीकृत तथा अवर्गीकृत आँकड़ों के लिए माध्य विचलन, प्रसरण तथा मानक विचलन।


2. प्रायिकता : घटनाओं का घटित होना, घटित न होना, (not) तथा (and) और या निःशेष घटनाएँ परस्पर अपवर्जी घटनाएँ प्रायिकता को अभिगृहीतीय दृष्टिकोण पिछली कक्षा के प्रायिकता सिद्धान्तों से सम्बन्ध एक घटना की प्रायिकता 'nor' 'and' तथा 'or' घटनाओं की प्रायिकता ।

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